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मेरे हमनवाई का सिला तुम ये दोगी, ऐसा कभी हमने सोचा

मेरे हमनवाई का सिला तुम ये दोगी,
ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था।

मेरी वफा को ऐसे भुला तुम दोगी,
ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था।

मेरी जिंदगी को दर्दों से मिला तुम दोगी,
ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था।

मेरी आँखों को इस कदर रुला तुम दोगी,
ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था।

दिल में रहकर, दिल को ही जला तुम दोगी,
ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था।

जीते जी मौत का एहसास दिला तुम दोगी,
ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था।

©Aarzoo smriti
  मेरे हमनवाई का .....

मेरे हमनवाई का ..... #Shayari

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