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तेरे हाथो को लेकर हाथो में जी चाहता है कोई नज़्म

तेरे हाथो को लेकर हाथो में 
जी चाहता है कोई नज़्म लिखूं
तेरी आंखों को सुबह
तो तेरी बातो को शाम लिखूं
तेरी मोहब्बत के साए में खुद को  
में शायर बदनाम लिखूं 
करता हूं तुम पर जान निसार में 
खुद को क्या  तुम्हारा  पहरेदार लिखूं!

©Kuldeep Singh Ruhela #Love प्यार का पहरेदार
तेरे हाथो को लेकर हाथो में 
जी चाहता है कोई नज़्म लिखूं
तेरी आंखों को सुबह
तो तेरी बातो को शाम लिखूं
तेरी मोहब्बत के साए में खुद को  
में शायर बदनाम लिखूं 
करता हूं तुम पर जान निसार में 
खुद को क्या  तुम्हारा  पहरेदार लिखूं!

©Kuldeep Singh Ruhela #Love प्यार का पहरेदार