इक सुहाना मौसम छोड़ आये हैं, प्रीत की आँखें नम छोड़ आये हैं, लोग जितने का देखते है सपना यार उतना तो हम छोड़ आये हैं। चारण गोविन्द #चारण_गोविन्द #CharanGovindG #govindkesher #lonlyness