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वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...? फिर बात करके म

वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...?
फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...?
वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको...
फिर दूर मुझसे दूर - बहुत दूर जाती क्यों है...?
यहाँ तो रात तन्हाइयों की होती है...
फिर वो आधी रात को ऑनलाइन आती क्यों है...?
बिछड़नें का ग़म तो है न उसको...
फिर गैरों से नज़रें मिलाती क्यों है...? वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...?
फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...?
वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको...
फिर दूर मुझसे दूर - बहुत दूर जाती क्यों है...?
यहाँ तो रात तन्हाइयों की होती है...
फिर वो आधी रात को ऑनलाइन आती क्यों है...?
बिछड़नें का ग़म तो है न उसको...
फिर गैरों से नज़रें मिलाती क्यों है...?
वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...?
फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...?
वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको...
फिर दूर मुझसे दूर - बहुत दूर जाती क्यों है...?
यहाँ तो रात तन्हाइयों की होती है...
फिर वो आधी रात को ऑनलाइन आती क्यों है...?
बिछड़नें का ग़म तो है न उसको...
फिर गैरों से नज़रें मिलाती क्यों है...? वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...?
फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...?
वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको...
फिर दूर मुझसे दूर - बहुत दूर जाती क्यों है...?
यहाँ तो रात तन्हाइयों की होती है...
फिर वो आधी रात को ऑनलाइन आती क्यों है...?
बिछड़नें का ग़म तो है न उसको...
फिर गैरों से नज़रें मिलाती क्यों है...?
satybrat9351

Saty Brat

New Creator

वो खुश तो है न अपनी मोहब्बत में...? फिर बात करके मुझसे रोती क्यों है...? वो जताती है क्या कि बिछड़नें का ग़म है उसको... फिर दूर मुझसे दूर - बहुत दूर जाती क्यों है...? यहाँ तो रात तन्हाइयों की होती है... फिर वो आधी रात को ऑनलाइन आती क्यों है...? बिछड़नें का ग़म तो है न उसको... फिर गैरों से नज़रें मिलाती क्यों है...?