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कृष्ण भजन मन गाता हैं,         उसका ही नाम मन में

कृष्ण भजन मन गाता हैं,  
       उसका ही नाम मन में आता हैं.... 

उसका नाम जब भी मैं सुनूँ, मेरा रोम-रोम मुसकुराता हैं, 
       कृष्ण भजन मन गाता हैं, 
प्रेम का नाजुक धागा है, जिसने प्रभु को हमसे बाँधा हैं, 
       
कृष्ण भजन मन गाता हैं, 
       उसका ही नाम मन में आता हैं....

प्रभु महिमा का गान करूँ, उसका मन में धीरज में धरूँ, 
       आब तो मन यही चाहता हैं,
कृष्ण, कृष्ण ही ध्याता हैं.... 

हुए है बरसों अब प्रभु को देखे, 
       अब तो दिल मिलना चाहता हैं, 
प्रेम वहीं इस दिल का मेरे, 
       वहीं तो मेरे भाग्य विधाता हैं....

कृष्ण भजन मन गाता हैं, 
       उसका ही नाम मन में आता हैं....  

प्रभु दर्शन जब दिन आए, 
       हाथ में अपने थाल सजाए, 
करूँ आरती अपने भगवन की, 
       दिल तो मेरा बस यही चाहें, 

चरणों में फूलों का अर्पण, 
       बस दिल से हो एक समर्पण,  
रोम-रोम में कृष्ण समाए 
       और कहीं कुछ नजर ना आए, 

कृष्ण भजन मन गाता हैं, 
       उसका ही नाम मन में आता हैं....

©Divyanshi Triguna "Radhika"
  #NojotoHindi #कृष्ण भजन मन गाता हैं
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Radheshyam

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