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रात रात भर जाग कर, जिसके लिए लिखा करती हूं, नहीं ज

रात रात भर जाग कर,
जिसके लिए लिखा करती हूं,
नहीं जानती, वो आएगा भी नहीं,
मैं जो उस पर इतना मरती हूं,
और,,,,,
ना जानें वो कितना समझेगा मुझे,
मैं जो उसके लिए ये,,,,
कागज़ के टुकड़े इक्कट्ठा करती हूं।

©S.P.Singh #diary have every feel word
रात रात भर जाग कर,
जिसके लिए लिखा करती हूं,
नहीं जानती, वो आएगा भी नहीं,
मैं जो उस पर इतना मरती हूं,
और,,,,,
ना जानें वो कितना समझेगा मुझे,
मैं जो उसके लिए ये,,,,
कागज़ के टुकड़े इक्कट्ठा करती हूं।

©S.P.Singh #diary have every feel word
satyampathlival23586

S.P.Singh

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