पीता हूँ प्यास अपनी मैं भूख खाता हूं , मैं किसान हूँ साहब अन्न उगाता हूँ, सींचता हूँ मै धरा रक्त और स्वेद से, लड़ता हूँ मैं हवा और बारिसो के वेग से, सूरज की तपिश से मै कब घबराता हूँ, हाँ मैं किसान हूँ साहब अन्न उगाता हूँ। #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #instawriters #आओकिसानीकरें #किसानदिवस #twitterpoetry