इतना खुदगर्ज़ कैसे बनूँ कि इन ख़्वाबों को भयानक बोल दूं, बस इन्होंने ही तो तुझे आज तक मेरे साथ सजाये रखा है बेख़बर।। #post152 #ख़्वाब