//वो भी दिन थे हम भी भिन्न थे नही थी कोई फ़िक़्र न था कोई डर// पूरी कविता caption में वो भी दिन थे हम भी भिन्न थे नही थी कोई फ़िक़्र न था कोई डर पैसों का ज्ञान न था संबंधों में अभिमान न था