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ना राह है ना मंज़िल है, ना कारवाँ है ना कहकशां है,

ना राह है ना मंज़िल है,
ना कारवाँ है ना कहकशां है,
फिर भी ऐ ज़िन्दगी,
तेरे साथ चलने में अज़ब नशा है। 

यह मुश्किलों के दौर में,
हरेक इंसान फंसा है,
वही कहलायेगा ज़िंदादिल,
जो ऐसे दौर में हंसा है। 

चारों तरफ़ खामोशियाँ है,
तन्हाइयों में शहर बसा है,
सिर्फ दुवा करते रहिये,
क़ुदरत ने फंदा कसा है। 

सहारे है घर के लोग,
आफत का यह असा है,
मुश्किलें भी टल जायेगी,
बरसों का यह फ़लसफ़ा है !!! #Barrier दिल की बात शायरी के साथ
kashu sharma
ना राह है ना मंज़िल है,
ना कारवाँ है ना कहकशां है,
फिर भी ऐ ज़िन्दगी,
तेरे साथ चलने में अज़ब नशा है। 

यह मुश्किलों के दौर में,
हरेक इंसान फंसा है,
वही कहलायेगा ज़िंदादिल,
जो ऐसे दौर में हंसा है। 

चारों तरफ़ खामोशियाँ है,
तन्हाइयों में शहर बसा है,
सिर्फ दुवा करते रहिये,
क़ुदरत ने फंदा कसा है। 

सहारे है घर के लोग,
आफत का यह असा है,
मुश्किलें भी टल जायेगी,
बरसों का यह फ़लसफ़ा है !!! #Barrier दिल की बात शायरी के साथ
kashu sharma