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पेड़ की जड़े होने लगी कमजोर हर पत्ता बिखरने लगा है

पेड़ की जड़े होने लगी कमजोर 
हर पत्ता बिखरने लगा है कभी खिलते हुए 
नज़र आते थे हँसी के चेहरे पर उसी से अब आंसू आने लगे है मेरी कलम रोहित खण्डेलवाल
पेड़ की जड़े होने लगी कमजोर 
हर पत्ता बिखरने लगा है कभी खिलते हुए 
नज़र आते थे हँसी के चेहरे पर उसी से अब आंसू आने लगे है मेरी कलम रोहित खण्डेलवाल

मेरी कलम रोहित खण्डेलवाल