सब सुख चैन भुला के मन बावरा हुआ रे म्हारे नैनन मे आये ,रूप श्याम सदा रे, मै हुई दर बदर ,मै चली किस डगर अब कहाँ रे मै हुई दर बदर.2 अब यहाँ रे.. सुबहो सवेरे फिरती अकेले,रग रग मे डुबी अंक तिहारे जोगन हुई हूँ,विरहन हुई हूँ,फिरती हूँ लेके नाम तिहारे मैं बनी रहगुजर,मैं हुई बेखबर ,बिन तुम्हारे मैं हुई.....................।।। काँटे भी मुझपे हंसने लगे हैं, पत्थर भी मुझसे बचने लगे हैं कैसी है दुनिया कैसा घराना,मेरे सभी मुझसे पुछने लगे हैं मै रहूँ बेसबर मै रहूँ बेनजर अब यहाँ रे मैं हुई... Rajeev..... #NojotoQuote