पहन कर आई हो जो तुम गोरे बदन पर ये लाल लिबास खुदा की कसम गुनाह ए अज़ीम आप आज एक कर जायोगी महफिल से जाते जाते न जाने किंतने आशिको के दिलो के कत्लों का इल्जाम अपने सिर पर ले जायोगी............ written by........... sandeep agarwal हुस्न का जलवा