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"आज कल की पीढ़ी" मिट्टी से जो लगाव है हमारा, अब व

"आज कल की पीढ़ी"

मिट्टी से जो लगाव है हमारा,
अब वो लगाव आज की पीढ़ी में कहा है।

हवा के लिए पेड़ों की छांव में थे बैठते,
अब वो बात पंखों और कूलरों में कहा है।

नदियों में नहाने में जो मज़ा था जो सुकून था,
वो बात बड़े बड़े स्विमिंग पुल में कहा है।।

प्रकृति से जुड़े रहते थे हम सब पहले,
अब प्रकृति को ही नुकसान पहुंचा रहे है।

शुद्ध हवा ,शुद्ध पानी, शुद्ध वातावरण से थे घुले हम,
अब कहां है कुछ भी शुद्ध यहां।।

पेड़ों को काट रहे हो , प्रदुषण बढ़ा रहे हो,
तुम प्रकृति के साथ साथ अपना जीवन भी उजाड़ रहे हो।।

पेड़ लगाओ, प्रदुषण घटाओ,
जब शुद्द रहेगा वातावरण तो ही
शुद्ध रहेगा जनजीवन।

अभी भी वक्त है सम्भल जाओ,
अपने लिए ना सही आने वाली पीढ़ियों के लिए ही बदल जाओ।। #लफ्ज़_ए_प्रशांत #hindipoetry #worldenvironmentday #पर्यावरणदिवस #nature #hindi #life #environment
"आज कल की पीढ़ी"

मिट्टी से जो लगाव है हमारा,
अब वो लगाव आज की पीढ़ी में कहा है।

हवा के लिए पेड़ों की छांव में थे बैठते,
अब वो बात पंखों और कूलरों में कहा है।

नदियों में नहाने में जो मज़ा था जो सुकून था,
वो बात बड़े बड़े स्विमिंग पुल में कहा है।।

प्रकृति से जुड़े रहते थे हम सब पहले,
अब प्रकृति को ही नुकसान पहुंचा रहे है।

शुद्ध हवा ,शुद्ध पानी, शुद्ध वातावरण से थे घुले हम,
अब कहां है कुछ भी शुद्ध यहां।।

पेड़ों को काट रहे हो , प्रदुषण बढ़ा रहे हो,
तुम प्रकृति के साथ साथ अपना जीवन भी उजाड़ रहे हो।।

पेड़ लगाओ, प्रदुषण घटाओ,
जब शुद्द रहेगा वातावरण तो ही
शुद्ध रहेगा जनजीवन।

अभी भी वक्त है सम्भल जाओ,
अपने लिए ना सही आने वाली पीढ़ियों के लिए ही बदल जाओ।। #लफ्ज़_ए_प्रशांत #hindipoetry #worldenvironmentday #पर्यावरणदिवस #nature #hindi #life #environment