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आग मुझमें भी है जो दहक उठती है अन्याय और अत्याचार

आग मुझमें भी है
जो दहक उठती है
अन्याय और अत्याचार को देख कर
जब होता है शोषण एक मज़दूर का
जला देना चाहती हूँ 
शोषक वर्ग को उस आग में...!
जब देखती हूँ संसार का विस्तार करने वाली
स्त्री को... 
सामाजिक बंधनों में जकड़े हुए
तब उस आग में..
स्वाह कर देना चाहती हूँ ..."समाज" को ही
जब देखती हूँ मासूमों को            (  MUNESH SHARMA)
पेट भरने के लिए..                                 💕
"बचपन में ही बड़े हो जाते हुए"
तब उस आग में नष्ट कर देना चाहती हूँ
देश के "शासन-तंत्र" को ही...!
आग मुझमें भी है
जो "दहक" उठती है
कुछ भी ग़लत होते देखकर
"भभक" उठती है
"अन्याय" और "अत्याचार" को देखकर...!!

23/09/2019 सुप्रभात।
सूरज ये न समझे कि आग उसमें ही है। आग मुझमें भी है।
#आगमुझमेंभीहै #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
आग मुझमें भी है
जो दहक उठती है
अन्याय और अत्याचार को देख कर
जब होता है शोषण एक मज़दूर का
जला देना चाहती हूँ 
शोषक वर्ग को उस आग में...!
जब देखती हूँ संसार का विस्तार करने वाली
स्त्री को... 
सामाजिक बंधनों में जकड़े हुए
तब उस आग में..
स्वाह कर देना चाहती हूँ ..."समाज" को ही
जब देखती हूँ मासूमों को            (  MUNESH SHARMA)
पेट भरने के लिए..                                 💕
"बचपन में ही बड़े हो जाते हुए"
तब उस आग में नष्ट कर देना चाहती हूँ
देश के "शासन-तंत्र" को ही...!
आग मुझमें भी है
जो "दहक" उठती है
कुछ भी ग़लत होते देखकर
"भभक" उठती है
"अन्याय" और "अत्याचार" को देखकर...!!

23/09/2019 सुप्रभात।
सूरज ये न समझे कि आग उसमें ही है। आग मुझमें भी है।
#आगमुझमेंभीहै #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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सुप्रभात। सूरज ये न समझे कि आग उसमें ही है। आग मुझमें भी है। #आगमुझमेंभीहै #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi