सात सुरो से बनने वाली तुम संगीत हो कलमों से लिखी गयी एक अनोखा गीत हो कैसे मैं बताऊ दिल के कितना करीब हो बिन तेरे कैसे हासिल किसी को भी जीत हो अप्रैल 28 की नही रहती कोई बात याद आजकल चढ़ा मुझे 6 दिसम्बर का बुखार मुझे करनी रहती है बस एक यही बात मेरी हर एक सवाल का तू ही है जवाब क्योंकि मेरी जिंदगी में एक तेरा ही अफसाना है पा लू एक बार तुझे फिर न गवाना है तू ही है सुरूर मेरी बातों का गुरूर मेरा तेरे बारे में ही लिखा हर एक फ़साना है (×3) #फ़साना 2nd Half