मैं गुनगुनाऊँ कोई धुन,उसका साज तुम हो मैं लिखूँ जो शब्द,उसका अहसास तुम हो फिर कैसे हो मुहब्बत कम मेरी जिन्दगीं में हर जगह तुम हो, बस तुम हो ©आकाश भिलावली वाला #tum_ho