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बढ़ उठे हम सफर की ओर कभी तुलिका से लिखते थे आज कलम

बढ़ उठे हम सफर की ओर कभी तुलिका से लिखते थे आज कलम से लिखते हैं,
बचपन से चल पड़े जवानी की ओर कभी पाठशाला में पढ़ते थे आज महाविधालय में पढ़ते हैं।

@चित्र मित्र का जिनके इस विषय पर लिखे को पढ़ कुछ अपना लिखा। Rekha Mewada
बढ़ उठे हम सफर की ओर कभी तुलिका से लिखते थे आज कलम से लिखते हैं,
बचपन से चल पड़े जवानी की ओर कभी पाठशाला में पढ़ते थे आज महाविधालय में पढ़ते हैं।

@चित्र मित्र का जिनके इस विषय पर लिखे को पढ़ कुछ अपना लिखा। Rekha Mewada