सुरुर सोचा तो बहुत की अब तेरे बारे में न सोचेंगे मगर फिर दिल ये सोचता रहा की तेरे बाद क्या सोचेंगे गोविंद बुंदेलखंडी #लऊँड़ई #गोविंदबुंदेलखंडी #वक्तव्य #सुरुर