जिक्र तेरा एक बार नहीं सौ बार करना चाहूँगा
तू आएगी नहीं फिर भी इंतजार करना चाहूँगा।
वो जो छूएगा तेरे लब, जिनपे है सिर्फ़ मेरा हक़
उस शख्स से नफ़रत मैं बेशुमार करना चाहूँगा।
Namita Writer Kalavati Kumari 😍sehar-e-Deepmu😍 jyoti Intezaar / इंतेज़ार #OpenPoetry