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रोजगार की ख्वाहिश में, हम सब कुछ दांव लगाते हैं। फ

रोजगार की ख्वाहिश में, हम सब कुछ दांव लगाते हैं।
फिर  सौ  रूपए  में,  UP  के  पेपर  बिक  जाते  हैं।
सौ रुपए में स्टेशन की, झंडी नहीं मिला करती।
इतनी सस्ती भाड़े वाली, रंडी नहीं मिला करती।
कब तक झूठ बताओगे, अब तो सच पर आ जाओ।
सब कुछ अफ़वाह बताते हो, कुछ तो तुम शरमा जाओ।
तुमसे ना हो पाएगा, अब ना ही तुम कुछ बोलो।
अय्याशों की गलियों में, तुम अपना कोठा खोलो।
#UPP_Paper_Leak
#UP_Police_Reexam

©Dil se duniya tak
  #hibiscussabdariffa