तुम लिखो प्रेम गीत मैं गुगुनाया करूं तुम रखो राज़ कई गेहरे मैं रोज़ उकेर हमराज सा बनता फिरूं तुम लिखो गजल उल्फ्ती मैं लतीफों में खुद को ढूंढा करूं तुम लिखो शाम सुहानी मैं कॉफ़ी के प्यालों में खुद को तराशा करूं शबनम की बूंदों में भिंगुं साथ तेरे कुछ गुस्ताखियां किया करूं कहें कभी कलम दहार लगाने को बना मुझे शमशिर कोई राष्ट्रभक्त रणधीर लिख दिया करो अलाप राग वीरह श्रृंगार अलंकारों में एक जीवंत बयानी सज दिया करो तुम लिखो कहानी विरह की मैं पढ़ उनमें उलझे दर्द को महसूस किया करूं ना गोपियों का दीवाना श्री कृष्ण लिखो मुझे ना वो राधा की त्याग बनो तुम सहज निश्छल प्रेम है हमारा अप्रितम तुम मुझे स्याही से सिर्फ अपनी सांस लिख दिया करो #मेरे_जज्बात008 #midnightpoems #dedicatedtosomeone #lovdthisfeeling #yqdidi #yqbaba #kunu