जितना उससे प्यार किया उसने मुझे उतना ही तड़पाया, मेरी बफा को अपनी बेबफाई से तोलता है ए खुदा तूने कैसा क़ाफ़िर यार मिलवाया, मेरे तो दिल के ज़ज़्बात भी नज़र अंदाज़ हो जाते है महफ़िलो में, उसकी बनाई हुई बातो को भी लोग कह देते है वाहः वाहः " " जनाब क्या फरमाया,,,