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विश्वव्यापी संकट की तस्वीर को छोटा मत समझो ये संकट

विश्वव्यापी संकट की तस्वीर को छोटा मत समझो
ये संकट फैला जैसे "विष", तुम इसको छोटा मत समझो
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण कोई राह नहीं कोई राह नहीं
इस संकट की व्यापकता की कोई थाह नहीं कोई थाह नहीं
विकराल विशाल व्याधि है,जिसने ये दुनियां बांधी है
विश्वव्यापी संकट ये और विश्वव्यापी आंधी है
अपने अधीन अपने वश में,मानव जाति को बांधा है
मानव जाति की पतित अवस्था का संकट भी ज्यादा है
क्यों नहीं मानते, पढ़ लिख कर, तुम अपनी गलती को समझो
विज्ञान भी इससे हारा है विज्ञान की भाषा तो समझो
विश्वव्यापी संकट की तस्वीर को छोटा मत समझो
©कार्तिक रिछारिया #संकट #कोरोना 
    written by #कार्तिक रिछारिया
विश्वव्यापी संकट की तस्वीर को छोटा मत समझो
ये संकट फैला जैसे "विष", तुम इसको छोटा मत समझो
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण कोई राह नहीं कोई राह नहीं
इस संकट की व्यापकता की कोई थाह नहीं कोई थाह नहीं
विकराल विशाल व्याधि है,जिसने ये दुनियां बांधी है
विश्वव्यापी संकट ये और विश्वव्यापी आंधी है
अपने अधीन अपने वश में,मानव जाति को बांधा है
मानव जाति की पतित अवस्था का संकट भी ज्यादा है
क्यों नहीं मानते, पढ़ लिख कर, तुम अपनी गलती को समझो
विज्ञान भी इससे हारा है विज्ञान की भाषा तो समझो
विश्वव्यापी संकट की तस्वीर को छोटा मत समझो
©कार्तिक रिछारिया #संकट #कोरोना 
    written by #कार्तिक रिछारिया