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बिना शब्द बोले ही गुनगुना रहे हो आज मुझको ही मुझसे

बिना शब्द बोले ही गुनगुना रहे हो
आज मुझको ही मुझसे छुपा रहे हो
सत्य के ऊपर कितना चादर डालोगे
चेहरा बता ही देता है क्या चुरा रहे हो
बिना शब्द बोले......
मैं भी तो इसी दुनियां का हिस्सा हूं
अपनी आखों को कितना नचा रहे हो
ज़ख्म ज़ख्म से कभी ठीक नहीं होता
क्यों अपनी किस्मत आज़मा रहे हो
बिना शब्द बोले......
आइना हूं देख ज़रा मेरी तरफ़ तो
इस चेहरे को कितना सजा रहे हो
सुधर जाओ मेरे नौजवान धरोहरों
"सूर्य" की बातों से क्यों लजा रहे हो
बिना शब्द बोले.......

©R K Mishra " सूर्य "
  #संकेत  Sethi Ji Babita Kumari Balwinder Pal Rama Goswami # musical life ( srivastava )