याद आता है एक बार फ़िर वो बचपन का ज़माना बागों में लगे झूले, वो दोस्तों का मुझे प्यार से झुलाना.. अठखेलियाँ, शरारतें, सब कुछ भूल मस्ती करना कागज़ की नाव बनाकर बारिश में बहाना.. काश, फ़िर से लौट आए वो यादों का फ़साना..!! ©Rishnit❤️ #Childhood #NojotoWriters Swati Tyagi