पहले ये फ़ैसले अगर लिए होते ख़ुदा कसम फिर गुनाह़ें न होते...... ना रोती किसी के आंखें ना छुपता कोई महफूज़ सलाखें सिसकिती नहीं किसी की डोली ना होता "डिबेट" और बढ़ बोली पहले ये फ़ैसले अगर लिए होते ख़ुदा कसम फिर गुनाहें न होते...... #इन्तकाम