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उठ मेरे बेटे उठ, क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं देख

उठ मेरे बेटे उठ, क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं 
देख सुबह सर चढ कर मुंह चिढा रही है,क्या इसको सबक सिखाना नहीं 
ये वक़्त तुझसे रेस लगा रही है,क्या तुझे वक़्त को हराना नहीं 
उठ मेरे बेटे उठ,क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं 
नासाज़ थी तबियत कल तेरी,सबक अपना मुकम्मल किया नहीं 
डर है तुझे अपने उस्ताद की मार का, उनके डांट-डपट का
पर मेरे शहजादे, बनती है एक खूबसूरत मुजस्सिम
खाकर मार छेनी-हथौरे की
ठीक उसी तरह उनके डांट से खुद को क्या तराशना नहीं 
उठ मेरे बेटे उठ,क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं
दोस्तों के साथ खेल, एक-दूसरे को खाना बांटता 
स्कूल का मैदान,वो शरारत ,वो हंसी-ठिठोली 
लम्हे बेशकीमती ये आते हैं याद बाद में,क्या इन यादों को जीना नहीं 
उठ मेरे बेटे उठ, क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं #nojotohindi #school #mom
उठ मेरे बेटे उठ, क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं 
देख सुबह सर चढ कर मुंह चिढा रही है,क्या इसको सबक सिखाना नहीं 
ये वक़्त तुझसे रेस लगा रही है,क्या तुझे वक़्त को हराना नहीं 
उठ मेरे बेटे उठ,क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं 
नासाज़ थी तबियत कल तेरी,सबक अपना मुकम्मल किया नहीं 
डर है तुझे अपने उस्ताद की मार का, उनके डांट-डपट का
पर मेरे शहजादे, बनती है एक खूबसूरत मुजस्सिम
खाकर मार छेनी-हथौरे की
ठीक उसी तरह उनके डांट से खुद को क्या तराशना नहीं 
उठ मेरे बेटे उठ,क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं
दोस्तों के साथ खेल, एक-दूसरे को खाना बांटता 
स्कूल का मैदान,वो शरारत ,वो हंसी-ठिठोली 
लम्हे बेशकीमती ये आते हैं याद बाद में,क्या इन यादों को जीना नहीं 
उठ मेरे बेटे उठ, क्या तुझे आज स्कूल जाना नहीं #nojotohindi #school #mom