कहानी अनकही थी जो, लोग सुनाते नहीं थकते l किसी की मौत की झूठी, बातें बनाते नहीं थकते l . वो दिल के राज़ जो, अपनो से भी जाहिर न कर सका l उसी के दर्द को अपनी, जुबां पर लाते नहीं थकते ll . बयां जो कर सके, वो राज़ रखना चाहता ही क्यों ? ज़हर पीकर, ये कड़वा स्वाद चखना चाहता ही क्यों ? . बड़ा आसान है, तर्कों से अपने कुछ भी कह देना, जो बस में ज़िन्दगी होती, तो मरना चाहता ही क्यों ? #Anil_kr...✍@SelfWritten बड़ा आसान है, तर्कों से अपने कुछ भी कह देना, जो बस में ज़िन्दगी होती, तो मरना चाहता ही क्यों ? #Anil_kr...✍@SelfWritten