*✍🏻“सुविचार”*📚 🌨️*“6/1/2022”*🌧️ 🖋️*“गुरुवार”* ☂️ हम सभी “मंदिर” जाते है,“ईश्वर” के समक्ष बैठे कर “हाथ जोड़ते” है और अपनी “मांग” रखते है, कभी सोचा है कि “ईश्वर” कैसा लगता होगा कि मेरे “भक्त” मेरे पास आते है केवल अपनी “इच्छा पूर्ति” के लिए,मुझसे मिलने के लिए नहीं, कई सारे लोग “मंदिर” जाते है और अपनी “इच्छा” “ईश्वर के समक्ष” रखते है और यदि उनकी “इच्छा पूर्ण” न हो, तो “हताश” हो जाते है, अब आप जब भी “मंदिर” जाओ “ईश्वर के समक्ष” “बैठो”,“हाथ जोड़ो” और कहो...“धन्यवाद” “धन्यवाद ईश्वर” आपने मुझे जो भी कुछ दिया है उसमें मैं “प्रसन्न” हूँ,बस मेरा “मार्गदर्शन” करे कि मैं कैसे अपने “कर्मो” से वो सभी प्राप्त कर सकूं जो मैं पाना चाहता हूँ, देखिए “ईश्वर” से केवल मांगने जाओगे तो ईश्वर के समक्ष स्वयं को बहुत छोटा पाओगे, किंतु यदि स्वयं “कर्म” करके “ईश्वर को धन्यवाद” कहने जाओगे तो सही अर्थ में आपको “ईश्वर” मिल ही जाएंगे और उनकी “कृपा” आप पर बनी रहेगी... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार”*📚 🌨️ *“6/1/2022”*🌧️ 🖋️ *“गुरुवार”* ☂️ *#“मंदिर”* *#“ईश्वर के समक्ष”*