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दरिया, हवाएँ, आलम, सय्यारे सभी दो घड़ी को ठहरे हैं

दरिया, हवाएँ, आलम, सय्यारे सभी दो घड़ी को ठहरे हैं 
इतनी ही मुद्दत के लिए मैं भी गुम हूँ वहां जहां ख़ामोशियों के डेरे हैं Musings - 10/6/19
दरिया, हवाएँ, आलम, सय्यारे सभी दो घड़ी को ठहरे हैं 
इतनी ही मुद्दत के लिए मैं भी गुम हूँ वहां जहां ख़ामोशियों के डेरे हैं Musings - 10/6/19