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बार बार मेरे जख्मों का मुझे ऐहसास करा देते हैं। व

बार बार मेरे जख्मों का मुझे ऐहसास करा देते हैं। 
वो नहीं समझते दर्द, जो हसने का मशवरा देते हैं। 

बाद में समझ आती है उनकी अहमियत हमें अक्सर, 
जिन्हें बेकार बोल कर यूँ ही, हम लोग ठुकरा देते हैं। 

आधी रात में निकलते हैं आखों से अश्क़ बनकर, 
वो गुजरे पल हमें अक्सर, अनुभव बुरा देते हैं। 

हर बाज़ी को जीतने का हुनर हमनें सीखा है मगर, 
तेरी मासूमियत के आगे खुद को हरा देतें हैं। 

खत्म करते हैं खुद को अब हम आसमान चुनते हैं, 
और तुम्हें जीने की खातिर ये पूरी धरा देते हैं। #तेरे_नाम
बार बार मेरे जख्मों का मुझे ऐहसास करा देते हैं। 
वो नहीं समझते दर्द, जो हसने का मशवरा देते हैं। 

बाद में समझ आती है उनकी अहमियत हमें अक्सर, 
जिन्हें बेकार बोल कर यूँ ही, हम लोग ठुकरा देते हैं। 

आधी रात में निकलते हैं आखों से अश्क़ बनकर, 
वो गुजरे पल हमें अक्सर, अनुभव बुरा देते हैं। 

हर बाज़ी को जीतने का हुनर हमनें सीखा है मगर, 
तेरी मासूमियत के आगे खुद को हरा देतें हैं। 

खत्म करते हैं खुद को अब हम आसमान चुनते हैं, 
और तुम्हें जीने की खातिर ये पूरी धरा देते हैं। #तेरे_नाम
nkumar1267407499582

N Kumar

Bronze Star
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