यथार्थ का परिचय कराने का प्रयत्न करती मेरी यह कविता मेरी और उन सभी साहित्यकारों की आवाज है जो संभवतः सम्पूर्ण संसार से यही कहना चाहते होंगे...
*त़हरीर मेरी भी*
विधा-अतुकांत
आज मुफ़लिसी में यहाँ जीता हूँ मैं,
कल त़हरीर मेरी भी लिखी जाएगी।
कहेंगे लोग उस वक्त ये ज़रूर मगर,
हाँ !वाह क्या बहुत खूब लिखते थे वो,
उम्र का तकाज़ा है ये जनाब मुझको, #writersofinstagram#nojotopoetry#nojotohindi#विचार#shayaris#writeraofindia#nojotohindi2020#nojotountold