बिखरे बाल पता नहीं क्यों, मेरा दिल तेरे बालों में उलझकर रह जाता है तेरा इशारा बिना लफ्ज़ो के सब कुछ कह जाता है मैं खुद खो जाता हूँ तेरी आँखों की खूबसूरती में, मेरा हर गम तेरे बिखरे बालों में बह जाता है।। ।।नरेन्द्र कुमार।।