गीत :- यादें सावन की ============== खून है बहाया मैंने , स्याही न गिराई है। जितनी क़लम तेरे , नाम पे चलाई है। सावन का मेला फिर,लगने लगा है तो। मुझे तेरी याद - तुझे ,मेरी याद आई है। बस्तियों की भीड़ फिर चलने लगी है। ख्वाइशों में रंग वो भरने लगी है। फिर इक बार वही राग जमाना है। रांझे को हीर से मिलने को जाना है इस रिश्ते में कितनों की -कितनी दुहाई है? मुझे तेरी याद - तुझे , मेरी याद आई है। रूठना मनाना है , सब आजमाना है। इस बार तुझे चहरा भी- दिखाना है। जन्नत की राहें दिखेंगी उस पल में। आज हो सपना , हकीकत हो कल में। भलें आशिकों से जमाने को रुसवाई है। मुझे तेरी याद - तुझे , मेरी याद आई है। कौंन कहता है कि प्यार अनदेखा है सपनों में तुझको हज़ार बार देखा है हुस्न तेरे जैसा नही सारे- जमाने में। कह दिया मैंने मेरे यार को फ़साने में। किसकी महक है ये -दिल को टकराई है। (अरे) मुझे तेरी याद - तुझे , मेरी याद आई है। विकास शर्मा "विचित्र"" #NojotoMITS