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गुज़र गई है मगर, रोज़ याद आती है... वो एक शाम,

गुज़र गई है मगर, रोज़ याद आती है...

वो एक शाम,   जिसे भूलने की हसरत है... #कया ? सचमुच भूल गया मैं तुझे
गुज़र गई है मगर, रोज़ याद आती है...

वो एक शाम,   जिसे भूलने की हसरत है... #कया ? सचमुच भूल गया मैं तुझे

#कया ? सचमुच भूल गया मैं तुझे