बच्चों जैसी मोहब्बत थी तुमसे तुमसे बेइंतहा इश्क़ के बाद इस कदर टूटा जैसे कुम्हार का कच्चा घड़ा हो गया हूं। अब तो तेरे ज़िक्र से भी दिल में कोई हलचल नहीं होती लगता है अब मैं बड़ा हो गया हूँ।। जा तू भी अब