कुछ वकत मेरे लिए निकाल कभी। मेरे गम को अपने दिल में पाल कभी। मैं टूट के मोतियों की तरह बिखरने लगा हूं। आ के अपनी बाहों में संभाल कभी। अपनी भी सुना कभी मुझको बयान करने दे। बाकी दुनिया को तू चाहे मरने दे। ये जो बाते जो तीर की तरह चुभती है। प्यार का मरहम लगाके इनको निकाल कभी। कुछ वकत मेरे लिए निकाल कभी। मेरे गम को अपने दिल मै पाल कभी। ताहिर वक्त