दर बदर भटक कर तेरे दर पर आया हूँ, माँ मैं तुझसे आज कुछ माँगने आया हूँ, होगा भूखा पूरा देश, पर नसीब मुझे रोटी नहीं, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी, पर मुझपर तेरी नजर नहीं, क्या गुन्हा है मेरा, कि तुझे चढावा नहीं चढ़ाया, ध्यान से देख ले माँ, मुझसे जादा तेरे आगे किसीने सर नहीं झुकाया..! #इश्क़_शयाहिं नवरात्रि #माँ #जगदम्बा 🙏