वीर शिवाजी,छत्रपति महाराज और सरदार पटेल ,यह सारे पूर्वज हमारे हैं। इनकी वजह से ही हम क्षत्रिय बनें और धरती पर पधारे हैं। गौरवशाली है इतिहास हमारा, समय आने पर तन मन सब कुछ हमने इस देश पर वारा। इस सब के बलिदानों को रखना जीवंत हमें, यह सारे शौर्य हमारे हैं। इनकी वजह से ही हम इस धरती पर पधारे हैं। भाषा अपनी है अवधी-अतिसुंदर,सुरीली-सीधी-स्पष्ट। नहीं करते किसी की बराबरी,मेहनत करके खाते हैं हम सब। ख़ून में अपने किसानी है,यह देखो बहता गंगा का पानी है। बड़े-बड़े हैं खेत हमारे,दूर-दूर तक सचानों (कुर्मियों)की मश्हूर कहानी है। रगों में अपनी है ज़मीदारी,जाने कितनी ज़मीन है इस देश में हमारी। युद्ध भले हारे हो कई हमने पर,कभी अपनी स्त्री हमने नहीं हारी है। हाँ माना हमने थोड़ी देर लगी हमें,आने में पढ़ाई के मैदान में। पर वहां भी अब हमने अपनी ही छाप हर जगह छोड़ी है। बड़े-बड़े दफ्तरों में है अब राज हमारा,कई बड़बोले अब देख हमें करतें हैं किनारा। उन सब ने भी धाक अपनी मानी है। उद्गम अपना है महाराष्ट्र,मराठा है पूर्वज अपने और फैला है गंगा के किनारों तक राज हमारा, जब-जब उठाओगे इतिहास मिलेगा वर्णन अपना युगों तक ऐसा है इतिहास हमारा। ऐसा वैसा ना समझो हम को,सीधे हैं पर फितरत अपनी भी शैतानी है। सब कुछ सह सकते हैं पर अब हमने भी ठानी है, करके जाएंगे कुछ ऐसा क्योंकि याद तुम्हें दिलानी नानीं है। मत उलझो हमसे,गलती है तुम्हारी ये, कि हम आग नहीं बहता पानी है।आखिर पूर्वज हमारे हैं बलिदानी ,इनकी वजह से ही हमने हार कभी भी नहीं मानी है। यही सचानों (कुर्मियों)की कहानी है।। #mypride