जब से हमने सनम श्रृंगार मोहब्बत का तेरी है कर लिया, तन मन के संग संग अपना जीवन भी तुझ पर वार दिया। तेरे बिना मेरे सनम अब तक अधूरी सी थी जिंदगी मेरी, तूने जिंदगी में आकर जिंदगी का अधूरापन दूर कर दिया। आंँखों में तेरी प्रीत का काजल सजाकर रहने लगे हैं हम, गले में तेरी बाहों का हार बना तुझे स्वीकार कर लिया। लब भी हर पल अब तेरे ही प्यार के गीत गुनगुनाने लगे, लवों पर तेरे प्यार की मुस्कान सजाकर लाल कर लिया। दिल हर पल तेरे ही ख्वाबों ख्यालों में डूबा रहने लगा हमने प्रीत की डोर से विश्वास के कमलों को खिला लिया। ♥️ Challenge-536 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।