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ख़ुदा हाफ़िज़ कलमी आँखों से तर हुये

ख़ुदा हाफ़िज़

कलमी     आँखों    से     तर     हुये    आरिज़
मेरी   नज्मों   ने   कहा   मुझे   खुदा   हाफिज़

शब्द    जले    व    दवात    से    स्याही    भी    हुई    खारिज़
कल यहीं कैफ़ियत थी उन्हें,आज ये ही  पालकी खुदा हाफिज़

रट   -   रट      सारी     पोथी     मैं     बना     इश्क़     हाफिज़
करो  एतक़ाद ,  मिरे  ख़ुतबे  में  भी  पढ़ा  गया  तो  खुदा  हाफिज़

अब    न    तू    कलीम    न     मुसन्निफ़     रहा    "आफताबी"
तिरे कुश्त-ओ-कत्ल के हलफ़नामे में भी उसने लिखा खुदा हाफ़िज कलमी- कलम से भरे या लिखे
आरिज़ - गाल
कैफ़ियत- आराम
हाफ़िज़ - इस्लाम में जिसे कुरान कंठस्थ याद हो
एतकाद- ऐतबार, विश्वास
खुतबा- प्रशंसा में पढ़ा गया 
कलीम- सुवक्ता
मुसन्निफ़- लेखक
ख़ुदा हाफ़िज़

कलमी     आँखों    से     तर     हुये    आरिज़
मेरी   नज्मों   ने   कहा   मुझे   खुदा   हाफिज़

शब्द    जले    व    दवात    से    स्याही    भी    हुई    खारिज़
कल यहीं कैफ़ियत थी उन्हें,आज ये ही  पालकी खुदा हाफिज़

रट   -   रट      सारी     पोथी     मैं     बना     इश्क़     हाफिज़
करो  एतक़ाद ,  मिरे  ख़ुतबे  में  भी  पढ़ा  गया  तो  खुदा  हाफिज़

अब    न    तू    कलीम    न     मुसन्निफ़     रहा    "आफताबी"
तिरे कुश्त-ओ-कत्ल के हलफ़नामे में भी उसने लिखा खुदा हाफ़िज कलमी- कलम से भरे या लिखे
आरिज़ - गाल
कैफ़ियत- आराम
हाफ़िज़ - इस्लाम में जिसे कुरान कंठस्थ याद हो
एतकाद- ऐतबार, विश्वास
खुतबा- प्रशंसा में पढ़ा गया 
कलीम- सुवक्ता
मुसन्निफ़- लेखक