दो दिलों को मिलने तो दो ज़रा मौज को साहिल छूने तो दो ज़रा नए तरंग में बहुत उफान है शांत हो कर सोने तो दो ज़रा बहुत दूर से आये है तुम्हें मिलने नदी को समुंद्र में गिरने तो दो ज़रा बहुत तड़पाये है जवानी ने मुझे सुकून का छाँव पड़ने तो दो ज़रा आधी रूह भटक रहे अकेले में दो रूह को संगम होने तो दो ज़रा - Ram N Mandal Do dilon ko milane to do zara Mauz ko sahil chhune to do zara #love #soulmate #poetry #ThinkingBack