क्या ,इस दुनियाँ के बिना, तुम एकेले चल सकोगे, क्या ,बिना मा -बाप के, ज़मी पर पाँव धर सकोगे. बिना दुनियाँ के, कोई बस्ती, बसती नही, बिना अपनो के, अपने सहारे चल सकोगे . जिंदगी में एकेले चलना हो जाएगा दुश्वार, क्या, शब को ,सहर में तुम बदल सकोगे . कहना बहुत आसान होता है जिंदगी में बात क्या सच मे तुम उस पर अमल तुम कर सकोगे ©Dr Manju Juneja #दुनियाँ #माँबाप #अकेले #चलसकोगे #जमी #पाँव#दुनियाँ#दुश्वार #अमल #बस्ती