क्यों मेरे अल्फाज़, औरों के अल्फाज़ों से ज्यादा बोलते हैं, कहीं जाने को सोचता हूँ, तो क्यों मुझे लिखने के लिए रोकते हैं, रब्बा, मेरे हर अल्फाज़ में तूँ है, फिर क्यों तुझे लोग, इन मंदिरों में ढूँढ़ते हैं ॥ ©Ritik Nehra RITIK NEHRA #zindagikerang Sandhya masakali prashu pandey Gaurav Pandey Dr. Sonia shastri