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बस एक कसक, आँख पूरी भर गई, बात इतनी कि, बात अधूरी

बस एक कसक, आँख पूरी भर गई,
बात इतनी कि, बात अधूरी रह गई,
बोलना चाहा भी तो सोचा कि बोलूं कैसे...
उनकी फितरत जैसे रूह की, कमजोरी बन गई।

©कवितांचल (Viveksri)
  #kavitanchal