तन्हाई मे सोचता हूं ख़ताये अपनी,, काश वो मन कि बाते बताये अपनी,, हा इंसान हूं खता हो सकती है,, मै सुधार करूँ मगर वो मर्जी तो बताये अपनी,, खुद से अनजान आयुष