दोस्ती में हम साथ में.. बिताये पल बहुत ही कम है.. मगर हम जब भी बात करते थे.. वो थोड़ा सा वक़्त क्यूँ ना हो.. उस वक़्त में.. उस शब्दों में.. अपनापन तो जरूर होता था.. तुम ऐसे दोस्त हो शुभम.. बहुत ही कम समय में.. हमारे सच्चे और अच्छे दोस्त बनगए हो.. मेरे दिल के करीब बनगए हो.. आप जैसा दोस्त सबको मिले.. मैं ये आशा करती हूँ.. आपके जीवन में.. खुशियाँ ही खुशियाँ ही आए.. यही भगवान से प्रार्थना करती हूँ! Dedicating a #testimonial to 𝙎𝙃𝙐𝘽𝙃𝘼𝙈 𝙆𝙎𝙃𝙄𝙍𝙎𝘼𝙂𝘼𝙍 हां मैं जानती हूँ दोस्त... आप बहुत व्यस्त रहते हो.. मगर जितना भी व्यस्त क्यूँ ना हो.. लिखना मत भूलना.. जब भी समय मिले आजाना.. हा भविष्य भी महत्वपूर्ण है.. मगर उसके साथ साथ.. दोस्त भी महत्वपूर्ण है.. है ना.. बोलो.. अगर बहुत ही व्यस्त हो तो.. थोड़ा समय लो.. थोड़े दिन बाद.. फिर यहां आजाना लिखने..