मुझे अपनी यादों में बार-बार खोने दो। मुझे अपने ख़्यालों में बार-बार होने दो। जब दर्द ही हमदर्द है मेरी ज़िन्दग़ी में- मुझे अपनी चाहत में बार-बार रोने दो। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय मुझे अपनी यादों में बार-बार खोने दो। मुझे अपने ख़्यालों में बार-बार होने दो। जब दर्द ही हमदर्द है मेरी ज़िन्दग़ी में- मुझे अपनी चाहत में बार-बार रोने दो। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय