सूक्ष्म वही है वृहद वही, स्मृति वही सरस् है वेद विहित है नित्य वही, मणियों में परस है प्राण वही है प्रीति वही, पथिकों की प्यास है व्यान वही है वीथि वही, मृत्तिका की आस है ग्रन्थ वही है गीत वही, गायन का रस है मंत्र वही है मीत वही, कृतियों में कलश है धाम वही है ध्यान वही, धृति हेतु वृषा है आतम का आह्वान वही, ऋत रोम ऋचा है Happy Birthday Richa 😍 #alokstates